प्रागैतिहासिक काल
- जिस काल में मनुष्य ने घटनाओ का कोई लिखित विवरण उध्दृत नही किया, उसे 'प्रागैतिहासिक काल' कहते है। मानव विकास के काल को इतिहास कहा जाता है, जिसका विवरण लिखित रूप में है ।
- 'आद्य ऐतिहासिक काल' उस काल को कहते है जिस काल में लेखन - कला के प्रचलन के बाद उपलब्ध लेख पढ़े नही जा सके है ।
- 'ज्ञानी मानव' (होमोसेपियंस) का प्रवेश इस धरती पर आज से लगभग तीस या चालीस हजार वर्ष पूर्व हुआ।
- 'पूर्व - पाषाण युग' या पूरा - पाषाणकाल के मानव की जीविका का मुख्य आधार शिकार था - शिकार पूरा पाषाणकाल में आदि मानव के मनोरंजन के भी साधन थे।
- मनुष्य में स्थायी निवास की प्रव्रत्ति नव - पाषाणकाल में हुई तथा उनसे सबसे पहले कुत्ता को पालतू बनाया।
- मनुष्य ने सर्वप्रथम तांबा धातु का प्रयोग किया तथा उसके व्दारा बनाया जानेवाला प्रथम औजार कुल्हाड़ी (प्राप्ति स्थल - अतिरम्पक्क्म) था।
- कृषि का अविष्कार नव - पाषाणकाल में हुआ। प्रागैतिहासिक अन्न उत्पादक स्थल मेहरगढ़ पश्चिमी बलूचिस्तान में अवस्थित है कृषि के लिए अपनाई गई सबसे प्राचीन फसल गेंहू (पतली फसल) एवं जौ थी लेकिन मानव व्दारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज चावल था।
- कृषि का प्रथम उदाहरण मेहागढ़ से प्राप्त हुआ है कोल्डिहवा का संबंध चावल के प्राचीनतम साक्ष्य से है।
- पल्लावरम नामक स्थान पर प्रथम भारतीय पुरापाषाण कलाकृति की खोज हुई थी।
- भारत में पूर्व प्रस्तर युग के अधिकांश औजार स्फटिक (पत्थर)के बने थे।
- राबर्ट ब्रुस फुट पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1863 ई. में भारत में पुरापाषाणकालीन औजारों की खोज की।
- भारत का सबसे प्राचीन नगर मोहनजोदड़ो था, सिंधी भाषा में जिसका अर्थ हो मृतको का टीला।
- असम का श्वेतभ्रू गिबन भारत में पाया जाने वाला एक मात्र मानवभ कपि है।
- इनामगाँव ताम्रपाषाण युग की एक बड़ी बस्ती थी इसका संबंध जोर्वे संस्कृति से है ।
- भारत में शिवालय की पहाड़ी से जीवाश्म का प्रमाण मिला है।
- भारत में मनुष्य संबंधी सबसे पहला प्रमाण नर्मदा घाटी में मिला है।
- नोट : भारतीय नागरिक सेवा के अधिकारी रिजले प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने प्रथम बार वैज्ञानिक आधार पर भारत की जनसंख्या का प्रजातीय विभेदीकरण किया।
संस्कृति | बर्तन |
मालवा | काला तथा लाल |
बुर्जहोम | धूसर |
जोखे | लाल |
द. नवपाषाण | चमकीला धूसर |
पूर्वी नवपाषाण | भूरा लाल |